भारत में बच्चे 2 वर्ष तक होते ही मम्मी पापा से मोबाइल छीनना शुरू कर देते हैं और 3 वर्ष का होते ही उनकी उंगलियां मोबाइल पर प्रवीणता से चलने लगती है। अगर समय रहते बच्चों की इस आदत का सही उपयोग किया जाए और बढ़ावा दिया जाए तो यही बच्चे बड़े होकर भारत को सुपर पॉवर बनाने में अहम योगदान दे सकते है। कोरॉना संक्रमण काल में जिस रफ्तार से स्मार्ट फोन और इंटरनेट का दख़ल शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ा है और बढ़ रहा है, इसने युवाओं के लिए कई रास्ते खोल दिए है। बच्चे भी जितनी जल्दी इस क्षेत्र में पारंगत हो जाए, उनके भविष्य के लिए उतना ही अच्छा है। स्मार्ट युग के इस दौर में हर कोई चाहता है कि उसका बच्चा भी स्मार्ट हो। उन्हें स्मार्ट बनाने के लिए कोडिंग की ट्रेनिंग एक वरदान साबित हो सकती है। कोडिंग कंप्यूटर की एक ऐसी भाषा है जो सॉफ्टवेयर एप्लीकेशंस, वेबसाइट आदि में इस्तेमाल होती है। बच्चों ने रचनात्मकता होती है और कोडिंग उनकी रचनात्मकता, तर्कशक्ति और मस्तिष्क का बेहतर इस्तेमाल होने में सहायक होती है। बेहतर कल के लिए अच्छा है, बच्चा आज से ही कोडिंग सीखना शुरू कर दे। अमेरिका में तो 3 से 8 वर्ष के बच्चों को कोडिंग की शिक्षा देना एक फैशन सा बन गया है। हम किसी से कम थोड़े ही हैं। तो आज से ही अपने बच्चों को कोडिंग सीखने के लिए प्रेरित कीजिए और Codetots से संपर्क कीजिए। Schedule a free Class AuthorHaruka Sano Next Related Posts Coding Haruka Sano January 5, 2021 बिल गेट्स, जुकरबर्ग, तृषणित अरोड़ा ने किस उम्र में कोडिंग सीखनी शुरू की थी? क्या आप जानते हैं, माइक्रोसॉफ्ट के मालिक बिल गेट्स, फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग या... Coding Haruka Sano October 16, 2020 CodeTots X Sustainable Development CodeTots have been working to address environmental, social and economic issues. Teaching our Students...