क्या आप जानते हैं, माइक्रोसॉफ्ट के मालिक बिल गेट्स, फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग या भारत की एक साइबर सिक्योरिटी कंपनी के मालिक तृषणित अरोड़ा ने किस उम्र में कोडिंग सीखनी शुरू की थी? इन सभी ने 7 से 15 की उम्र में ही कोडिंग सीखना शुरू कर दिया था और 20 वर्ष की उम्र होते होते अरबों की संपत्ति के मालिक हो गए थे। अगर आपके बच्चे में रचनात्मकता है और कुछ नया सीखने की लालसा और जुनून है तो कोडिंग सीखना एक अच्छा विकल्प है। भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी बच्चों की स्कूली शिक्षा में कोडिंग कोर्स शुरू करने की सिफारिश की गई है। आजकल इंडस्ट्री में अच्छे प्रोग्रामर्स/ कोडर्स की हमेशा से ही अच्छी डिमांड रही है। जिन लोगों को कोडिंग अच्छी तरह से आती है, उन्हें बहुत अच्छा जॉब मिल जाता है। इस क्षेत्र महारत हो तो कंपनी वर्क फ्रोम होम का भी ऑप्शन देती है।
बच्चों को कोडिंग सीखने के लिए, बहुत से ऑनलाइन कोर्सेज उपलब्ध हैं। यदि आप एक अच्छा और इकोनोमिक विकल्प चाहते है तो codetots.com है। यहां के क्वॉलिफाइड टीचर्स बहुत ही सहज और सरल तरीके से बच्चों को कोडिंग सिखाते है। यहां विषय की गुणवत्ता से कोई समझोता नहीं किया जाता। Codetots.com के टीचर्स बच्चों के आयु वर्ग के अनुसार, कॉप्यूटर लैंग्वेज सिखाते हैं। छोटे बच्चो को ऑनलाइन गेम्स बनाना या शॉर्ट स्टोरीज बनाना सिखाया जाता है। इसके लिए स्क्रैच भाषा को इस्तेमाल किया जाता है। इसमें बच्चों को सिंटेक्स लिखने से लेकर, कंट्रोल, मोशन, साउंड, इवेंट्स आदि को कैसे यूज करना है, सिखाया जाता है। स्क्रैच का इस्तेमाल करते हुए इनपुट विंडो में कमांड दिए जाए है और आउटपुट विंडो में इसका रिजल्ट देखा जा सकता है। कौन सा ऑप्शन क्या और कैसे काम करता है,स्क्रीन पर देखा जा सकता है। इस तरह खेल खेल में बच्चा ऑनलाइन गेम्स बनाना सीख जाता है। यह तो हुई, शुरुआत। इसके बाद python programming भी सीखी जा सकती है। Python में आसानी से कोड लिखे और पढ़े जा सकते हैं। यहां बेसिक कॉन्सेप्ट सीखने पर अधिक जोर दिया जाता है। अगर आपने बेसिक कॉन्सेप्ट सीख लिए तो आपके कोड ने कोई error नही आएगी और अगर आई भी तो आप इसे आसानी से दूर कर सकेंगे। तो अगर आप चाहते हैं कि आपका भी बच्चा कंप्यूटर स्किल्स सीखे और उसे कोडिंग में महारत हासिल है तो आज है codetots.com से संपर्क कीजिए और अपनी बुकिंग करवाइए।